Wednesday, July 23 ,2025

विस्तार से जानिए कि फ्री टेस्टोस्टेरोन टेस्ट क्यों किया जाता है?


free testosterone blood test in hindi

टेस्टोस्टेरोन टेस्ट के ज़रिए पुरूष में मौजूद टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के लेवल के बारे में पाता लगाया जाता है। इस हार्मोन को एंड्रोजन कहते हैं, जो कि खून में मौजूद होता है। टेस्टोस्टेरोन यौन विशेषताओं और उसके विकास पर असर डालता है। पुरुषों में यह वृषणों द्वारा बड़ी मात्रा में पैदा किया जाता है और महिलाओं में यह अंडाशय द्वारा बनता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में अधिवृक्क ग्रंथि द्वारा अल्प मात्रा में उत्पादित होता है।

टेस्टोस्टेरोन टेस्ट क्या है? (What is a testosterone test in hindi?)

फ्री टेस्टोस्टेरोन परीक्षण रक्त में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा का पता लगाता है। टेस्टोस्टेरोन की मात्रा ng/dL यानी नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर में मापी जाती है। टेस्टोस्टेरोन परीक्षण को सीरम टेस्टोस्टेरोन परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है। टेस्टोस्टेरोन, एक एंड्रोजन है जो कि सेक्स हार्मोन कहलाता है. यह पुरूषों और महिलाओं दोनों में बनता है। यह पुरूषों और महिलाओं में यौवन और प्रजनन क्षमता के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टेस्टोस्टेरोन पुरूषों और महिलाओं में यौन इच्छा को भी प्रभावित करता है।

फ्री टेस्टोस्टेरोन टेस्ट क्यों होता है? (Why is a testosterone test done in hindi?)

टेस्टोस्टेरोन टेस्ट पुरुषों में निम्न उद्देश्यों के लिए होता है:-

  • संदिग्ध प्राथमिक या द्वितीयक हाइपोगोनाडिज्म की पुष्टि करने के लिए टेस्टोस्टेरोन टेस्ट किया जाता है. यह एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें टेस्टोस्टेरोन लेवल असामान्य रूप से कम होता है।

  • टेस्टोस्टेरोन टेस्ट का उपयोग टेस्टोस्टेरोन  रिप्लेसमेंट थेरेपी की प्रभावशीलता की निगरानी के लिए भी होता है. 

  • टेस्टोस्टेरोन टेस्ट का उपयोग लड़कों में यौवन अवस्था में देरी होने वाले अंतर्निहित कारणों का मूल्यांकन करने के लिए भी किया जाता है। 

फ्री टेस्टोस्टेरोन टेस्ट महिलाओं में किन उद्देश्यों के लिए होता है? (For what purposes is a testosterone test done in women in hindi?)

हाइपरएंड्रोजेनिज़्म के अंतर्निहित कारण का मूल्यांकन करने के लिए, एक ऐसी स्थिति जिसमें टेस्टोस्टेरोन लेवल असामान्य रूप से बढ़ जाता है। इसके कारणों में शामिल हो सकते हैं:-

इडियोपैथिक हर्सुटिज्म (Idiopathic hirsutism)

इस स्थिति में, महिलाओं में पुरुषों की तरह चेहरे पर असामान्य बाल उग आते हैं।

कंजेनिटल एड्रेनल हाइपरप्लासिया (Congenital adrenal hyperplasia)

यह एक जन्मदोष होता है, जिसमें एड्रिनल ग्रंथियां अधिक बढ़ने लग जाती हैं। 

पीसीओएस (Polycystic ovarian syndrome)

यह एक हार्मोन असुंतलन की स्थिति का कारण होता है, जिसमें असामान्य तरीके से अंडाशय में सिस्ट उत्पन्न होने लगत्ती हैं और टेस्टोस्टेरोन लेवल बढ़ने लग जाता है।

एड्रिनल ग्रंथि या अंडाशय में टेस्टोस्टेरोन का उउत्पादक ट्यूमर(Testosterone-producing tumors)

जब टेस्टोस्टेरोन की कमी का संदेह हो, तो इस टेस्ट का इस्तेमाल महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन लेवल का पता लगाने के लिए किया जाता है। 

टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी के प्रभाव पर निगरानी रखने के लिए महिलाओं में, आमतौर पर इस टेस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

फ्री टेस्टोस्टेरोन टेस्ट से पहले क्या करना चाहिए (What to do before a testosterone test in hindi)

टेस्टोस्टेरोन लेवल को प्रभावित करने के लिए कुछ प्रकार की दवाएं हो सकती हैं, जो कि टेस्टोस्टेरोन टेस्ट रिजल्ट में परिवर्तन ला सकती है। अपने डॉक्टर को ज़रूर बताएं कि किस प्रकार की दवाई या सप्लीमेंट का सेवन कर रहें है क्योंकि यह टेस्ट के रिजल्ट पर पर असर डाल सकते हैं। इसलिए टेस्ट से पहले डॉक्टर कुछ प्रकार की दवाइयों के सेवन पर कुछ समय के लिए रोक लगा सकते हैं। कुछ दवाईयाँ और उपचार, जिससे टेस्ट रिजल्ट प्रभावित हो सकते हैं :-  

  • एंड्रोजन थेरेपी 

  • एस्ट्रोजन थेरेपी 

  • स्टेरॉयड्स 

  • एंटीकॉन्वेलेंट 

  • बार्बिट्यूरेट्स 

  • क्लोमिफेन 

अक्सर यह टेस्ट सुबह के समय ही किया जाता है क्योंकि सुबह के समय हरमों लेवल अधिक ओता है इसलिए डॉक्टर 7 से 10 बजे के बीच का समय करते हैं।

फ्री टेस्टोस्टेरोन टेस्ट के समय क्या होता है? (What happens during a testosterone test in hindi?)

टेस्टोस्टेरोन टेस्ट को करने के लिए खून का सैम्पल लिया जाता है जिसकी मदद से टेस्ट की प्रक्रिया की जा सकें. इस टेस्ट को करने के लिए निम्न प्रक्रिया द्वारा किया जाता है:- 

  1. खून का नमूना लेने के लिए, अक्सर कोहनी के अंदरूनी हिस्से या हाथ के पिछले हिस्से में एक सुई डाली जाती है। जिस जगह से खून लिया जाना है, उसे पहले एंटीसेप्टिक से साफ़ किया जाता है।

  2. उसके बाद बाजू के ऊपरी हिस्से पर एक इलास्टिक बैंड बांधा जाता है, जिससे नसें उभर के आती हैं। फिर उसके बाद एक सुई को उभरी हुई नस में डाला दिया जाता है। 

  3. खून के नमूने को निकाल कर ट्यूब में कलेक्ट किया जाता है. फिर सुई को नस में से बाहर निकाल दिया जाता है, और इलास्टिक बैंड को खोल देते हैं। 

खून का नमूना लेने के दौरान थोड़ा सा दर्द या तकलीफ हो सकती है। सुई लगने के दौरान भी व्यक्ति को चुभन या जलन जैसी सनसनी महसूस हो सकती है। जब सुई लनस में डाली जाए तो अपनी बाजू को शिथिल और शांत रखें, जिससे दर्द कम होगा और सुई नस में कही दिल-डुल नहीं पायेगी। जब सुई निकाल ली जाएगी, उसके बाद भी कुछ देर तक भी थोड़ा दर्द या तकलीफ महसूस हो सकती है. मगर कुछ समय के बाद यह अपने आप में ठीक हो जाती है।

जानें टेस्टोस्टेरोन लेवल कितना होना चाहिए? (Know what should be the testosterone level in hindi?)

एक पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का सामान्य लेवल 300 से 1000 (ng/dL) होना चाहिए। अगर 300 से 1000 (ng/dL) से नीचे है तो यह टेस्टोस्टेरोन लेवल की कमी को दर्शाता है।  टेस्टोस्टेरोन के कम होने के कई कारण हो कसेट हैं लेकिन बढ़ती उम्र को इसका मुख्य कारण माना जाता है। युवावस्था में यह लेवल बहुत तेजी से बढ़ता हुआ नज़र आ सकता है। लेकिन कुछ लक्षण मौजूद है, जो कि यह दर्शाते हैं कि टेस्टोस्टेरोन लेवल लगातार गिर रहा है.

कम टेस्टोस्टेरोन के क्या कारण है? (What causes low testosterone in hindi?)

कई कारक टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में कमी की वजह बन जाते हैं, जो कि कुछ इस प्रकार है:- 

  • टेस्टोस्टेरोन स्वाभाविक रूप से 30 की उम्र के बाद कम होने लगता है।

  • शरीर में अतिरिक्त फैट होने की वजह से टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने लग सकता है।

  • टाइप 2 डायबिटीज की समस्या 

  • क्रोनिक किडनी की बीमारी 

  • अंडकोष में चोट 

  • अंडकोष में किसी प्रकार का संक्रमण

  • एचआईवी या एड्स की समस्या 

  • अत्यधिक तनाव

  •  नींद से जुड़ी समस्या 

टेस्टोस्टेरोन को प्राकृतिक रूप से बढ़ाएं (increase testosterone naturally in hindi)

शरीर में टेस्टोस्टेरोन को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए जीवनशैली में कुछ परिवर्तन लाए जैसे कि - 

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ खाएं

अपनी डाइट में सीमित मात्रा में अंडे, ट्यूना या सैल्मन फिश को शामिल कें. आप चाहे तो रेड मीट, मेवे और बीज के साथ-साथ हरी पत्तेदार सब्जियों को भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।

नियमित रूप से व्यायाम करें

टेस्टोस्टेरोन लेवल को बढ़ाने के लिए वेट ट्रेनिंग और हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग की में मदद ले सकते हैं।

पर्याप्त नींद लें

टेस्टोस्टेरोन के पैदावार  में नींद अहम भूमिका होती है। हर रात 7 से 9 घंटे की अच्छी और पर्याप्त नींद लेने का लक्ष्य रखें।

तनाव कम करें

तनाव को मैनेज करने से कोर्टिसोल हार्मोन भी बैलेंस रहेगा, जिससे टेस्टोस्टेरोन लेवल को मैनेज किया जा सकेगा. 

स्वस्थ वजन बनाए रखें

मोटापा टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने का एक महत्वपूर्ण कारण है। शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करने से स्वाभाविक रूप से टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन बढ़त हो सकती है।

चिकित्सा उपचार पर विचार करें

डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, टेस्टोस्टेरोन इंजेक्शन, जैल या पैच की सलाह कुछ मामलों में देते हैं। इन सुझावों चयन तब दिया जाता है, जब पूर्ण रूप से प्राकृतिक उपचार मदद करने में असफल रहता हैं। 

नोट : 

फ्री टेस्टोस्टेरोन ब्लड टेस्ट, जो कि खून में मुक्त टेस्टोस्टेरोन यानी सक्रिय हार्मोन के लेवल का पता लगाने में मदद करता है, एक नार्मल टेस्टोस्टेरोन टेस्ट से थोड़ा- सा भिन्न होता है जो कुल टेस्टोस्टेरोन के बारे में पता लगाने में मदद करता है.

 

मेडिकल डिस्क्लेमर - निम्नलिखित जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए ही है। इस वेबसाइट पर दी गई कोई भी जानकारी, जिसमें टेक्स्ट, ग्राफ़िक और चित्र शामिल हैं, वह पेशेवर चिकित्सा सलाह के विकल्प के रूप में नहीं है। कृपया अपनी स्थिति से संबंधित विशिष्ट चिकित्सा सलाह के बारे में जानने और समझने के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।